कर्मचारी कंपनी की मंजूरी के बिना भी बना सकते हैं यूएएन नंबर
नई दिल्ली। सरकार ने पीएफ चोरी करने वाली कंपनियों के खिलाफ एक नई व्यवस्था की शुरुआत कर दी है। श्रम मंत्रालय ने कर्मचारियों को बिना कंपनी के अप्रूवल के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानि यूएएन बनवाने का अधिकार दे दिया है। कमचारियों के यूएएन खुद बना लेने के बाद सरकार के पास ऐसी कंपनियों की पहचान करना आसान हो जाएगा जहां 20 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और उन्हें पीएफ नहीं मिलता है। मौजूदा नियमों के तहत 20 से ज्यादा कर्मचारी रखने वाली कंपनियों को पीएफ देना होता है। लेकिन कंपनियों की तरफ से अनियमितताओं की जानकारी मिलने के बाद ही सरकार ने इस नए विकल्प की शुरुआत की है। अभी के नियमों के हिसाब से ईपीएफ में रजिस्ट्रेशन के लिए कर्मचारी को कंपनी की ही मदद चाहिए होती थी। ऐसे में कंपनियों के पास विकल्प होता था कि वो कर्मचारी का रजिस्ट्रेशन कराएं या फिर उसमें कोताही बरतें। नए नियमों से कंपनी के अप्रूवल की जरूरत खत्म कर एक पारदर्शी व्यवस्था बनाने की कवायद की गई है जिससे न सिर्फ भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी बल्कि कंपनियों को भी कर्मचारियों की सही संख्या की जानकारी सरकार को देनी होगी। कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर मिलते ही कंपनी या संस्थान की जानकारी ईपीएफओ के पास चली जाएगी और सरकार को ये भी पता चलने लगेगा कि उस कंपनी में कितने कर्मचारी हैं। कर्मचारियों की संख्या 20 के पार होने के बाद ईपीएफओ उन कंपनियों या संस्थानों से जवाब तलब करेगा कि सीमा से ज्यादा कर्मचारी होने के बाद भी उनका ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं है। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस कदम से कर्मचारियों का न सिर्फ पीएफ जमा होने शुरू होगा बल्कि उन्हें ईपीएफओ के साथ जुड़ने पर मिलने वाली स्वास्थ्य बीमा और पेंशन जैसी सेवाओं का भी लाभ मिल सकेगा।